कलीसियाई वाचा

परमेश्वर के अनुग्रह के द्वारा पश्चात्ताप करके और प्रभु यीशु ख्रीष्ट पर विश्वास करके (इफिसियों 2:8), और पिता, पुत्र और पवित्र आत्मा के नाम से बपतिस्मा प्राप्त करके (मत्ती 28:19), हम एक दूसरे के साथ अपनी वाचा की पुष्टि करते हैं।

  1. हम अपनी कलीसिया में आत्मा की एकता के लिए कार्य करेंगे और प्रार्थना करेंगे (रोमियों 12:4-5; इफिसियों 4:3-6; फिलिप्पियों 2:2)।
  2. हम एक दूसरे का निर्माण (निवेश) करेंगे (इब्रानियों 13:1-3; थिस्सलुनीकियों 5:11, 14) तथा एक दूसरे का भार उठाने के द्वारा प्रेम करेंगे (रोमियों 12:9-16; कुलुस्सियों 3:12-13; गलातियों 6:2)।
  3. हम नम्रता और सज्जनता के साथ एक दूसरे की सहेंगे (इफिसियों 4:2; कुलुस्सियों 3:12-13) और एक दूसरे को क्षमा करेंगे (मत्ती 18:15; लूका 17:3-4)।
  4. हम नियमित रीति से परमेश्वर के वचन को सुनने के लिए, एक दूसरे के साथ संगति करने, एक दूसरे के लिए प्रार्थना करने और कलीसियाई विधियों (बपतिस्मा और प्रभु भोज) में सहभागी होने के लिए मिलेंगे (इब्रानियों 10:25; प्रेरितों के काम 2:42, 38; 1 कुरिन्थियों 11:26; मत्ती 18:17)।
  5. हम संसार, शरीर, और शैतान का इनकार करते हुए (इफिसियों 2:1-3; 1 यूहन्ना 2:13-17) पवित्रता के खोजी होने के लिए (इब्रानियों 12:14; 1 पतरस 1:14) सुसमाचार केन्द्रित जीवन जीएंगे (2 कुरिन्थियों 5:15)।
  6. हम नियमित रीति से एक दूसरे को सुसमाचार याद दिलाएंगे (प्रेरितों के काम 20:20-21; 1 कुरिन्थियों 2:1-2), और दूसरों के साथ अपने शब्दों और कार्यों से (मत्ती 5:13-16) सुसमाचार का प्रचार करेंगे (मत्ती 28:18-20)।
  7. हम आनंदपूर्वक, उदारता के साथ और नियमित रीति से (2 कुरिन्थियों 9:7) सुसमाचार के लिए देंगे (1 तीमुथियुस 5:17)।
  8. हम अपने बच्चों और जवानों को परमेश्वर की शिक्षाओं में बढ़ाएँगे और प्रशिक्षित करेंगे, तथा उन्हें सुसमाचार सुनाने के द्वारा और अपने प्रेमपूर्ण आदर्श के द्वारा उनके उद्धार को देखने का प्रयास करेंगे (इफिसियों 6:4, 1 पतरस 3:1)।
  9. हम जब इस कलीसिया से स्थानन्तरित होंगे तो ऐसी कलीसिया में सदस्यता लेंगे जो सुसमाचार का प्रचार करती है (रोमियों 16:1-2)।

प्रभु यीशु मसीह का अनुग्रह और परमेश्वर का प्रेम और पवित्र आत्मा की सहभागिता तुम सब के साथ होती रहे। आमीन (2 कुरिन्थियों 13:14)।

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